राम जन्मभूमि पर जब मंदिर के निर्माण का कार्य शुरू होगा तो वहां पर केवट और शबरी की मूर्तियों की स्थापना भी होनी चाहिए. इन दोनों ने लंका जाते समय की थी श्रीराम की मदद.
पणजी. राम जन्मभूमि पर फैसला आने के बाद से ही सभी राजनीतिक पक्ष अपना-अपना सुझाव दे रहे हैं. बुधवार को एक कार्यक्रम के दौरान गोवा के राज्यपाल सत्यपाल मलिक (Satya Pal Malik) ने भी अपना सुझाव दिया. उन्होंने कहा कि राम जन्मभूमि पर जब मंदिर के निर्माण का कार्य शुरू होगा तो वहां पर केवट और शबरी की मूर्तियों की स्थापना भी होनी चाहिए. मलिक ने कहा कि पूरी दुनिया ही चाहती है कि अयोध्या में विशाल मंदिर का निर्माण हो. जब भगवान राम वनवास गए थे तब लंका पहुंचने में इन दोनों ने उनकी मदद की थी.
मलिक ने कहा- पिछड़ी जाति ने श्रीराम की कि मदद
कार्यक्रम में मलिक ने कहा कि जब राम अपने वनवास के समय लंका गए थे तब पिछड़ी जातियों ने उनकी बहुत मदद की थी और इस कारण मंदिर निर्माण जब हो तो उन्हें भी उस जगह स्थान मिले. केवट और शबरी दोनों ही पिछड़ी जाति के थे. उन्होंने कहा कि इससे पहले इस तरह की मांग किसी ने नहींं की. जब तक इन दोनों को वहां जगह नही मिलेगी तब तक मंदिर को अधूरा ही माना जाएगा. जब कमेटी का गठन होगा तब मैं इस बारे में बात करूंगा. अमित शाह ने कहा ये...
लातेहार में अपनी चुनावी रैली के दौरान अमित शाह ने कहा था कि राम जन्मभूमि पर आसमान छूने वाला मंदिर बनेगा. कोर्ट ने इस बात की इजाजद दे दी है. अभी तक इस बारे में अटकलें लग रही थी पर जब मंदिर निर्माण होगा तो वो आसमान को छुएगा.
अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 9 नवंबर को रामलला के पक्ष में फैसला सुनाते हुई मंदिर निर्माण के लिए कमेटी का गठन करने का आदेश दिया था. केंद्र सरकार को मस्जिद बनाने के लिए कहीं दूसरी जगह पांच एकड़ वैकल्पिक जमीन देने का निर्देश दिया. लेकिन वहीं ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने अयोध्या मामले में पुनर्विचार याचिका दायर करने का फ़ैसला किया है.